मुख्य उपसम्पादक
प्रत्येक अख़बार के संस्करणों की संख्या के अनुरूप सम्पादकीय
विभाग के सहयोगियों की टीम पारी के अनुरूप बनाई जाती है. इस पारी का मुखिया
मुख्य उपसंपादक होता है. जो अपने सहयोगी उपसंपादक के माध्यम से समाचारों
के संपादन में महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देता है. समाचारों पर उपयुक्त
शीर्षक लगाना समाचारपत्र के प्रथम पृष्ठ से लेकर आखरी पृष्ठ पर समाचारों के
प्रस्तुतीकरण के क्रम को निर्धारित करना और संस्करण के छपने के लिए जाने
तक नवीनतम समाचारों के समावेश तथा समाचार के पृष्ठों की सजावट की अहम्
जिम्मेदारी मुख्य उपसंपादक के बलिष्ठ कंधो पर होती है
समाचारपत्र के सम्पादकीय विभाग में मुख्य उपसम्पादक वह शिल्पकार है जिसे
आम पाठक नहीं जनता लेकिन उसके सृजन को वह रोजाना अख़बार के रूप में देखता
है.
मुख्य उपसंपादक और उपसंपादक में मुख्य रूप से चार गुणों होना आवशयक माना जाते है. पहला बहुश्रुत और बहुज्ञ , दूसरा एकाग्रता , तीसरा सहिष्णुता गुणग्राहकता तथा मेल से कम करने की भावना और चौथा समाचार में रूचि होना आवश्यक मने गए है. मुख्य उपसंपादक में तो इनकी अनिर्वायता अतिवांछनीय है.
मुख्य
उपसंपादक अपने सहयोगी उपसंपादको को उनकी रूचि के समाचारों को संपादन के
लिए देता है और फिर उनकी कॉपी को जांचता है. जरुरत के अनुसार वह खुद भी
संपादन करता है अथवा अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद सहित अन्य कार्य करने होते
है. वह ऐसा मुख्य हलवाई है जो अपनी निगरानी में रसोई तैयार करवाता है.
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