प्रूफ रीडर
किसी भी समाचारपत्र में प्रूफ रीडर का अहम् स्थान होतो है, जो समाचारों की गलतियों को ठीक करने का सावधानी भरा कार्य करते है. प्रूफ रीडर को भाषा तथा व्याकरण की अच्छी जानकारी होना जरुरी है, प्रूफ रीडर की जरा सी गलती समाचारपत्र की छवि धूमिल कर सकती है. मुद्रण की तकनीक बदलने से अब प्रूफ रीडर की परम्परागत भूमिका गौण होने लगी है. अब कम्पोजिंग कंप्यूटर से होने लगा है और इसकी स्क्रीन पर समाचार को संशोधित कर लिया जाता है. इसलिए प्रूफ रीडर के कार्य का तरीका बदल गया है.
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