Monday, May 6, 2019

मेरा वोट मेरी जुबानी


रांची :: 6 मई 2019 दिन सोमवार आज का दिन कुछ खास है, क्योंकि आज लोकतंत्र का दिन है यानि अपने अधिकार के प्रयोग का मतलब वोट देने का दिन ।
आज सुबह मैं जल्दी उठा और तैयार होकर निकल पड़ा अपने अधिकार का प्रयोग करने मेरा बूथ मेरे घर के कुछ दूरी पर था मैंने अपनी मोटरसाइकिल निकाली और निकल पड़ा।
सङके सुनी थी धीरे धीरे जैसे जैसे मैं बूथ के करीब पहुंचा तो लोगों की भीड़ नजर आने लगी ।
भीड़ मे कुछ जाने पहचाने चेहरे भी थे। मैंने अपनी मोटरसाइकिल सड़क के किनारे लगा कर बूथ की ओर बढ़ा तो देखा कि लंबी लाइन लगी हुई थी। मैंने एक सज्जन से पूछा कि फलां नंबर के बूथ की लाइन है ना । उसने कहा नहीं आपका कौन सा नंबर है, मैंने अपना नंबर बताया तो उन्होंने मुझे कहा कि आप सीधे अंदर चले जाइए ।
अंदर पहुंचा तो देखा मेरे वाले नंबर पर कोई भीड़ नहीं थी वहां बैठे अधिकारी को मैंने अपनी रसीद दी तो उसने मेरे मेरा पहचान पत्र मांगा, मैंनै अपना पहचान पत्र दिया तो उसने रजिस्टर में मेरा नाम चेक किया और अगले टेबल पर जाने का इशारा किया।
दूसरी टेबल पर बैठे सज्जन ने मेरा डिटेल अपने रजिस्टर में लिखा और मुझे साइन करने को कहा मेरे साइन करते ही उन्होंने तीसरे टेबल पर जाने को कहा और एक अन्य रसीद मुझे दी।
तीसरे टेबल पर बैठे बूथ कर्मचारी ने मुझसे रसीद मांगी, चेक की और मुझे अपनी उंगली आगे करने को कहा जैसे ही मैंने अपनी उंगली आगे की उसने उस पर एक नीली स्याही लगा दी और वोटिंग मशीन की तरह जाने जाने का इशारा किया ।
वोटिंग मशीन तीन तरफ से कवर थी उसके अंदर जाते हैं मैंने देखा कि वहां दो मशीनें है ।
मैंने पहले शुरू से सभी प्रत्याशियों का नाम पढा और अपने वाले प्रत्याशी के चुनाव चिन्ह का बटन दबा दिया । बटन दबाते ही मशीन में से एक आवाज आई। मैंने बटन को कुछ देर दबाए रखा इतने में वीवीपैट मशीन से मेरे द्वारा दबाए हुआ चुनाव चिन्ह एक कागज पर आकृति देखी।
इतने में उच्च अधिकारी की मुझे आवाज सुनाई दी।
"हो गया है सर"
मेरे चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गई।
मैं बाहर निकला और मैंने स्याही लगी हुई उंगली के साथ अपनी एक सेल्फी खींची।
इसके बाद एक अजीब सा सुकून महसूस हुआ, सुकून लोग लोकतंत्र में अपने वोट के अधिकार का
मेरा वोट मेरा अधिकार

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